Essay on internet in hindi | इंटरनेट पर निबंध , आवश्यकता , फायदे व नुकसान

SUSHIL SHARMA
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Internet essay in hindi: नमस्कार दोस्तों, हिंदी विज़न में आपका स्वागत है। आज हम आपको "Internet par nibandh" के बारे में बताने वाले हैं। यह एक महत्वपूर्ण विषय है जिस पर लिखने के लिए मैट्रिक, इंटरमीडिएट और कई प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर दिया जाता है। इसीलिए आज हम आपको इंटरनेट पर निबंध को एक विस्तृत रूप में उपलब्ध करवाएंगे। ताकि बोर्ड व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को इससे आसानी हो सके। 

तो चलिए, बिना किसी देरी के जानते हैं - 

इंटरनेट पर निबंध  -Internet essay in hindi


इण्टरनेट पर निबंध - Essay on internet in hindi


"इण्टरनेट सार्थक समाज में शिक्षा, संगठन और भागीदारी की दिशा में एक बहुत ही सकारात्मक कदम हो सकता है।" नोम चोम्स्की का यह कथन वर्तमान सन्दर्भ में बिल्कुल सत्य प्रतीत होता है। पहले लोगों के शौक खेलना, पढ़ना, संगीत सुनना, चित्र बनाना, फोटोग्राफ़ी इत्यादि हुआ करते थे। वर्तमान में उनसे शौक के बारे में पूछिए तो हर दस में से सात लोगों का जवाब होगा इण्टरनेट सर्किंग और कमाल तो यह कि इण्टरनेट के माध्यम से खेलने, पढ़ने, संगीत सुनने और चित्र बनाने जैसे शौक भी पूरे किए जा सकते हैं।

यही कारण है कि इसे कोई जादू , तो कोई विज्ञान का चमत्कार, तो कोई ज्ञान का सुपर हाईवे कहता है। आप इसे जो भी कहिए, किन्तु इस बात में कोई सन्देह नहीं कि सूचना क्रान्ति की देन यह इण्टरनेट न केवल मानव के लिए अति उपयोगी सिद्ध हुआ है, बल्कि संचार में गति एवं विविधता के माध्यम से इसने दुनिया को बिल्कुल बदलकर रख दिया है। अमेरिका के लेखक डेव बैरी के अनुसार, “इण्टरनेट, कॉल प्रतीक्षा (टेलीफ़ोन व मोबाइल) के आविष्कार के बाद मानव है संचार के इतिहास में सबसे महत्त्वपूर्ण एकल विकास है।"

सूचना एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों को साझा करने के लिए विभिन्न संचार माध्यमों से आपस में जुड़े कम्प्यूटरों एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का समूह, कम्प्यूटर नेटवर्क कहलाता है और इन्हीं कम्प्यूटर नेटवर्कों का विश्वस्तरीय नेटवर्क इण्टरनेट है।

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विश्व में इण्टरनेट का उदय


शीत के दौरान वर्ष 1969 में अमेरिका के प्रतिरक्षा विभाग ने युद्ध की स्थिति में अमेरिकी सूचना संसाधनों के संरक्षण एवं आपस में सूचना को साझा करने के उद्देश्य से पहली बार कुछ कम्प्यूटरों के एक नेटवर्क 'अरपानेट' (ARPANET) की स्थापना की। इसी संकल्पना के आधार पर अन्य कम्प्यूटर नेटवर्कों का निर्माण हुआ, जो आगे चलकर विश्वस्तरीय नेटवर्क इण्टरनेट के रूप में रूपान्तरित हो गया।

इसमें विश्वभर के कम्प्यूटर नेटवर्क एक मानक प्रोटोकॉल के माध्यम से जुड़े होते हैं। विश्व के किसी भी व्यक्ति को इण्टरनेट के स्वामी की संज्ञा नहीं दी जा सकती। इसका कोई मुख्यालय अथवा केन्द्रीय प्रबन्ध नहीं है। कोई भी व्यक्ति, जिसके पास किसी इण्टरनेट सेवा प्रदाता कम्पनी की इण्टरनेट सुविधा है, अपने कम्प्यूटर के माध्यम से इससे जुड़ सकता है। आज विश्व के कुल 7 अरब से अधिक लोगों में से लगभग 3 अरब लोग इण्टरनेट से जुड़े हुए हैं। विश्व में चीन और अमेरिका के बाद इण्टरनेट का प्रयोग करने वाले सर्वाधिक लोग भारत में ही हैं। हमारे देश में लगभग 25 करोड़ लोग इण्टरनेट से जुड़े हैं। पूरे विश्व में इण्टरनेट से जुड़ने वाले लोगों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हो रही है।

भारत में इण्टरनेट सेवा की शुरुआत भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने वर्ष 1995 में की थी। अब एयरटेल, रिलायंस जियो, टाटा इण्डिकॉम, वोडाफोन जैसी दूरसंचार कम्पनियाँ भी इण्टरनेट सेवा उपलब्ध कराती हैं। पहले ई-मेल (e-mail) के माध्यम से दस्तावेज़ों एवं छवियों का आदान-प्रदान ही किया जाता था, अब ऑनलाइन बातचीत का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है और चैटिंग के माध्यमों से हम किसी भी मुद्दे पर बहस कर सकते हैं।

इण्टरनेट का लाभ व महत्त्व


कम्प्यूटर नेटवर्क का आविष्कार सूचनाओं को साझा करने के उद्देश्य से किया गया था। पहले इसके माध्यम से सभी प्रकार की सूचना को साझा करना सम्भव नहीं था, किन्तु अब सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में दस्तावेज़ों एवं ध्वनि के साथ-साथ वीडियो का आदान-प्रदान करना भी सम्भव हो गया है। इण्टरनेट वह जिन्न है, जो आपके सभी आदेशों का पालन करने को हमेशा तैयार रहता है।

विदेश जाने के लिए हवाई जहाज़ का टिकट बुक कराना हो, किसी पर्यटन स्थल पर स्थित होटल का कोई कमग बुक कराना हो, किसी किताब का ऑर्डर देना हो, अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए विज्ञापन देना हो, अपने मित्रों से ऑनलाइन चैटिंग करनी हो, डॉक्टरों से स्वास्थ्य सम्बन्धी सलाह लेनी हो या वकीलों से कानूनी सलाह लेनी हो; इण्टरनेट हर मर्ज की दवा है। इण्टरनेट ने सरकार, व्यापार और शिक्षा को नए अवसर दिए हैं।

सरकारें अपने प्रशासनिक कार्यों के संचालन, विभिन्न कर प्रणाली, प्रबन्धन और सूचनाओं के प्रसारण जैसे अनेकानेक कार्यों के लिए इण्टरनेट का उपयोग करती हैं। कुछ वर्ष पहले तक इण्टरनेट व्यापार और वाणिज्य में प्रभावी नहीं था, लेकिन आज सभी तरह के विपणन और व्यापारिक लेन-देन इसके माध्यम से सम्भव हैं। इण्टरनेट पर आज पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित हो रही हैं, रेडियो के चैनल उपलब्ध हैं और टेलीविज़न के लगभग सभी चैनल भी मौजूद हैं।

इण्टरनेट के माध्यम से आज शैक्षणिक पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा सकता है। विश्व के एक छोर से दूसरे छोर पर स्थित पुस्तकालय से जुड़कर किसी विषय का विशेष ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति अपनी संस्था तथा उसकी गतिविधियों, विशेषताओं आदि के बारे में इण्टरनेट पर अपना वेबपेज बना सकता है, जिसे करोड़ों लोग अपने इण्टरनेट पर देख सकते हैं। विश्वव्यापी संजाल यानी वर्ल्ड वाइड वेब (www) वैश्विक पहुँच का सर्वोत्तम साधन सिद्ध हो रहा है। इण्टरनेट सेवा प्रदाता कम्पनियाँ मामूली शुल्क लेकर उपभोक्ताओं को इण्टरनेट सेवाएँ प्रदान करती हैं।

इण्टरनेट के माध्यम से मीडिया हाउस ध्वनि और दृश्य दोनों माध्यम के द्वारा नवीनतम सूचनाएँ और मौसम सम्बन्धी जानकारियाँ हम तक आसानी से पहुंचा रहे हैं। नेता हो या अभिनेता, विद्यार्थी हो या शिक्षक, पाठक हो या लेखक, ज्ञानिक हो या चिन्तक सबके लिए इण्टरनेट समान रूप से उपयोगी सिद्ध हो रहा है। विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण एवं जनमत संग्रह इण्टरनेट संचालित विभिन्न उपकरणों के द्वारा सरलता से एकत्रित किए जाते हैं। इण्टरनेट के इन्हीं उपयोगों को देखते हुए जॉन एलन पॉल्स ने कहा है-“इण्टरनेट दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय है, मानो जहाँ सभी पुस्तकें खुली पड़ी हो' अर्थात् इसके आगमन से कार्यों में गतिशीलता, सटीकता व स्पष्टता आई है, जिससे मूल्यवान समय की बचत

वर्तमान में कोरोना संकट के दौरान देश में लॉकडाउन लगाया गया, लेकिन इण्टरनेट ने विशेषकर शहर में काम करने वालों के काम को आसान बना दिया है। इण्टरनेट की सहायता से लोग घर से ही काम कर पा रहे हैं, बीमार लोग अपने डॉक्टर से परामर्श ले रहे हैं। ऑफिस मीटिंग हो या भारत सरकार के द्वारा विभिन्न राज्य सरकारों के साथ सामूहिक परिचर्चा या फिर लॉकडाउन में घर बैठे लोग हों, सभी के लिए इण्टरनेट मसीहा बनकर उभरा है।



इण्टरनेट के दोष या कमियाँ


इण्टरनेट के कई लाभ हैं, तो इसकी कई कमियाँ भी हैं। इसके माध्यम से नग्न दृश्यों तक बच्चों की पहुँच आसान हो गई है। कई लोग इण्टरनेट का दुरुपयोग अश्लील साइटों को देखने और सूचनाओं को चुराने में करते हैं। इससे साइबर अपराधों में वृद्धि हुई है।

इण्टरनेट से जुड़ते समय वायरसों द्वारा सुरक्षित फाइलों के नष्ट या संक्रमित होने का खतरा भी बना रहता है। इन वायरसों से बचने के लिए एण्टीवायरस सॉफ्टवेयर का प्रयोग आवश्यक होता है। .

. इन सबके अतिरिक्त, बहुत-से लोग इस पर अनावश्यक और गलत आँकड़े एवं तथ्य भी प्रकाशित करते रहते हैं। A. इस पर उपलब्ध सभी आँकड़ों एवं तथ्यों को हमेशा प्रामाणिक नहीं माना जा सकता। इनके प्रयोग के समय हमें काफ़ी सावधानी बरतने की ज़रूरत पड़ती है।

- इस प्रकार इण्टरनेट उपयोगी होने के साथ समय की बर्बादी का साधन भी है। साथ ही यह खर्चीली प्रणाली भी होती है, क्योंकि इण्टरनेट की सुविधा देने वाली कम्पनियाँ इसके बदले में भारी शुल्क लेती हैं। इस पर आधारित कई बेवसाइटें बच्चों को गलत शिक्षा से प्रभावित करते हैं।

. इण्टरनेट से लोगों की निजी जानकारियाँ और ई. मेल आई. डी को चुराकर धोखेबाज कम्पनियाँ झूठे ई-मेल भेजती हैं और लोगों को ठगती हैं।

• इतना ही नहीं इण्टरनेट का स्वास्थ्य पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव भी उजागर होता है, जैसे-आँखों में दर्द, मानसिक तनाव, कमर दर्द आदि, इसलिए आवश्यक है कि इसका सही तरीके से आवश्यक कार्यों में उपयोग करें तथा इसे गलत आदत और स्वास्थ्य बिगाड़ने का कारण न बनाए और विज्ञान का वरदान मानकर सदुपयोग करें। 

निष्कर्ष


इण्टरनेट यदि ज्ञान का सागर है, तो इसमें कूड़े-कचरे' की भी कमी नहीं। यदि इसका सही उपयोग करना आ जाए, तो इस सागर से ज्ञान व प्रगति के मोती प्राप्त होंगे और यदि गलत उपयोग किया जाए, तो कूड़े-कचरे के अतिरिक्त कुछ भी हाथ नहीं लगेगा। इण्टरनेट पर उपलब्ध ज्ञान के सागर एवं इस माध्यम का सही ढंग से समुचित उपयोग मनुष्य की में अहम भूमिका निभाएगा। अत: आने वाली पीढ़ी को इसका सही उपयोग सिखाना अतिआवश्यक है अन्यथा यह बच्चों के हाथ में धारदार तलवार सिद्ध होगा।




आशा करते हैं कि आपको हमारी आज की यह पोस्ट "Internet par nibandh" पसंद आई होगी। हमने यहां आपको  'इंटरनेट पर निबंध ' और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए 'Essay on internet in hindi से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी साझा की है जो सभी के लिए उपयोगी हो। 

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