Vriksharopan par nibandh - वृक्षारोपण पर निबंध हिंदी में - 300 और 1000 words

SUSHIL SHARMA
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Vriksharopan par nibandh: हिंदी विज़न में आपका स्वागत है। आज हम बात करने वाले हैं वृक्षारोपण की। यह एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि पेड़ों के कारण ही हमारा अस्तित्व इस धरती पर है। यही कारण है कि छोटी कक्षाओं से लेकर बड़ी कक्षाओं और कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे IAS/PCS/SSC में भी "वृक्षारोपण पर निबंध" लिखने को दिया जाता है। आज हम आपको वृक्षारोपण के निबंध वाले तीन अलग अलग विकल्प देंगे जो हर उम्र और वर्ग के छात्रों के लिए उपयुक्त हो सके।

तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं -

वृक्षारोपण पर निबंध - Vriksharopan essay in hindi

वृक्षारोपण पर निबंध-Vriksharopan par nibandh


वृक्षारोपण के निबंध को हमने 2 अलग अलग भागों में देंगे ।
  • Class 6-8 के लिए 300 शब्दों में
  • प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए 1000 शब्दों में 
आप अपने अनुसार निबंध का चयन करें । पहले हम class 1-5 के लिए निबंध पढ़ते हैं - 

Vriksharopan essay in hindi -300 words


पेड़-पौधे हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। बिना भोजन और पानी के भी हम कुछ दिनों तक जीवित रह सकते हैं लेकिन बिना हवा और ऑक्सीजन के कुछ  मिनट भी जीवन की कल्पना नही की जा सकती है। पेड़ों से ही हमारा पर्यावरण संतुलित होता है और मानव जाति प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होती है। इसीलिए वृक्षारोपण हमारे लिए आवश्यक है।

वृक्ष हमारे पर्यावरण को साफ करते हैं। हमारे द्वारा छोड़ी जाने वाली कार्बनडाई ऑक्साइड को ग्रहण कर बदले में हमें जीवन देने वाली ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। हमें पेड़ों से स्वादिष्ट फल और सुंदर फूल मिलते है। प्राण रक्षा करने वाली औषधियां हमे पेड़ पौधों से ही प्राप्त होती है। वृक्ष पशु - पक्षियों के लिए उनका आसरा होते हैं। 

वृक्षों का सीधा असर हमारे पर्यावरण वरण पर पड़ता है। पेड़ों से ही वर्षा होती है। जहां पेड़ नही होते वहां बारिश भी बहुत कम होती है। पेडों से हमें लकड़ियां प्राप्त होती है जिनसे कई प्रकार के फर्नीचर और मकान बनते हैं। 

इसमें कोई संदेह नही है कि पेड़-पौधे हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं परंतु अब मानव अपने स्वार्थों के कारण वनोन्मूलन बहुत ही ज्यादा होने लगा है।

जंगल खत्म होते जा रहे हैं परिणाम स्वरूप विश्व जलवायु परिवर्तन की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। मृदा अपरदन और बाढ़ जैसी समस्याओं का कारण भी पेड़ पौधों की कमी है।  इसका एकमात्र उपाय 'वृक्षारोपण' है। 

सरकार की तरफ से वृक्षारोपण और वन संरक्षण के लिए कई तरह के प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन यही काफी नही है। हमे भी इसके लिए प्रयास करने होंगे। हर व्यक्ति को चाहिए कि वह ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए और दूसरों को भी वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करे।

ऐसा करके ही हम न केवल मानव जीवन अपितु पूरे विश्व को बढ़ते वैश्विक ताप, जलवायु परिवर्तन और भी बड़ी विपदाओं से बचा सकते हैं। 



वृक्षारोपण पर निबंध - Vriksharopan par nibandh in hindi - 1000 words

Vriksharopan par nibandh- वृक्षारोपण पर निबंध


प्रस्तावना

वृक्षों पर मानवजाति का अस्तित्व निर्भर करता है। वे हमारे सच्चे मित्र होते हैं।  वृक्ष हमारे जीवन के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितना भोजन और पानी। हम बिना खाये पिये भी हम कुछ दिनों तक जीवित रह सकते हैं लेकिन बिना हवा और ऑक्सीजन के कुछ  मिनट भी जीवन जीना असंभव है। पेड़-पौधे हमारे जीवन के लिए बहुत आवश्यक हैं। जिनके महत्व को देखते हुए ही हमारे देश मे वृक्षों की पूजा की जाती है। इसीलिए वृक्षारोपण करना बहुत आवश्यक है। 

पर्यावरणविद् एवं वैज्ञानिक आजकल वृक्षारोपण पर अत्यधिक बल दे रहे हैं। उनका कहना है कि पर्यावरण सन्तुलन एवं मानव की वास्तविक प्रगति के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। 

 

वृक्षारोपण की आवश्यकता एवं महत्व

वृक्षों को ही धरती का आभूषण कहा जाता है जिनके ना होने पर धरती बेजान और सुंदरताहीन दिखती है। पेड़ ही धरती को स्वर्ग बनाते हैं। पेड़ पौधे हमारे लिए कई प्रकार से लाभदायक होते हैं। यह मनुष्यों द्वारा छोड़ी जाने वाली कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण कर जीवनदायिनी ऑक्सीजन में बदल देते हैं। यह हमें छाया प्रदान करते हैं और पशु-पक्षियों के लिए उनका आसरा होते हैं। 

वृक्ष हमें विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट फल प्रदान करते हैं। । प्राण रक्षा करने वाली औषधियां हमे पेड़ पौधों से ही प्राप्त होती है। इनसे हमारा वातावरण शुद्ध होता है। जहाँ वृक्ष पर्याप्त मात्रा में होते हैं, वहाँ वर्षा की मात्रा भी सही होती है।

वृक्षों की कमी सूखे का कारण बनती है। वृक्षों से पर्यावरण की खूबसूरती में निखार आता है। वृक्षों से प्राप्त लकड़ियाँ भवन- -निर्माण एवं फर्नीचर बनाने के काम आती है।

 इस प्रकार, मनुष्य जन्म लेने के बाद से मृत्यु तक वृक्षों एवं उनसे प्राप्त होने वाली विभिन्न प्रकार की वस्तुओं पर निर्भर रहता है। चूंकि वृक्ष हमारे लिए लाभदायक है अतः जहां लाभ हो वहां लोभ जन्म ले ही लेता है। यही कारण है कि मनुष्य ने वृक्षों की अंधाधुंध कटाई की है। एक ओर जहां हमारा देश तरक्की कर रहा है वहीं वनों के कटने के कारण हमारा वातावरण प्रदूषित जहरीला होता जा रहा है।

वैश्विक औद्योगिक विकास होने के कारण नए नए कारखाने बनते जा रहे है। प्रदूषण फैलाने वाले वाहन भी हद से ज्यादा हो चुके हैं। लेकिन वृक्ष लगाने के लिए कोई आगे नही आता है। दरअसल वृक्षारोपण ही हमारा वातावरण शुद्ध हो सकता है लेकिन मनुष्य वृक्षारोपण के बजाए पेड़ों की असंतुलित कटाई करता जा रहा है। अतः हमें अपने और पर्यावरण के हितैषी पेड़-पौधों के साथ मित्रवत् व्यवहार करना चाहिए।


वृक्षारोपण के लाभ 

  • वृक्षारोपण से ही हम विश्व को कई आने वाली आपदाओं से बच सकते है। 
  • वृक्षारोपण से हमारी धरती का श्रृंगार होता है। बिना पेड़ पौधों के कोई भी स्थान निर्जीव से लगता है। 
  • पेड़ हमारे पर्यावरण से हानिकारक कार्बनडाई ऑक्साइड को ग्रहण कर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जो हर जीव के जीवन की सबसे पहली जरूरत है। 
  • वृक्ष भूमि के कटाव को भी रोकते हैं जिससे मृदा अपरदन होने की समस्या काफी कम हो जाती है। 
  • वृक्षों से ही हमारे पर्यावरण में वर्षा होने का कारण बनता है। जहां पर वृक्ष ज्यादा होतें वहां बारिश भी अच्छी होती है।
  • पेड़ों से हमें स्वादिष्ट फल, फूल और जीवन देने वाली औषधियां मिलती है जिससे जीवों की प्राण रक्षा होती है।
  • वृक्षारोपण से वैश्विक तापमान में कमी आएगी जिससे बढ़, भूकंप और ज्वालामुखी जैसी आपदाओं को रोक जा सकता है। वृक्षों से हमें लकड़ियां प्राप्त होती हैं जिससे तमाम तरह के फर्नीचर और घर बनाये जाते है। 
  • आज कल जंगली जानवर रिहायशी इलाकों में घुस आते हैं क्योंकि हमने उनके घर यानी वनों को नष्ट कर दिया है। वृक्षरोपण से हम पशु और पक्षियों को उनका आसरा दे सकते है, जिससे वह उनके अनुकूल वतावरण में रह सकें। 

वृक्षारोपण एवं वन संरक्षण

एक स्वस्थ वातावरण और जीवन के अस्तित्व के लिए वृक्षारोपण करना और वनों को काटने से बचाने की आवश्यकता है। इसके लिए राज्यों, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रयास किये जा रहे है। भारत में वन नीति के लिए 30 प्रतिशत कवर का लक्ष्य रखा गया है लेकिन अभी अपने लक्ष्य से थोड़ा सा दूर है। इसके लिए प्रतिकरात्मक बनारोपण निधि अधिनियम-2016 जैसे प्रयास उल्लेखनीय हैं। अभी की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने कई नीतियाँ च योजना तथा कार्यक्रमों को लागू किया है। इसमें राष्ट्रीय नीति 1988, प्रतिकरात्मक बनारोपण निधि अधिनियम-2016 आदि प्रमुख हैं। 
वृक्षारोपण व संरक्षण के लिए  कुछ अन्य कार्यक्रम भी सक्रिय रहते हैं जैसे - 
  • ग्रीन इण्डिया मिशन,
  • ग्रीन क्रेडिट स्कीम
  • नेशनल ग्रीन हाइवे
  • जीवन हरियाली कार्यक्रम
  • एकीकृत जल सभा का कार्यक्रम,
  • राष्ट्रीय चान्स मिशन,
  • राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम,
  • राजनैतिक एवं शैक्षणिक वृक्षारोपण कार्यक्रम
  • ग्रामीण वृक्षारोपण अभियान

राज्यों ने भी वृक्षारोपण के प्रति अपना योगदान दिया है और लगातार इस पर कार्य किये जा रहे हैं। उदाहरणस्वरूप आई 2019 में उत्तर प्रदेश में पौध वितरण कार्यक्रम के अंतर्गत 22 करोड़ से अधिक वृक्ष लगाए गए। इतना ही नहीं - प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है कि 'वन है तो जल है और जल है, तो कल है।"
वृक्षारोपण हम सभी के लिए आवश्यक है। आजकल ग्रामीण इलाकों, स्कूल और कॉलेजों में भी वृक्षारोपण के प्रयास किये जा रहे है  और लोगो भी उनके  प्रति जागृति करने के प्रयास किये जा रहे हैं। 


निष्कर्ष

हमारा भविष्य वृक्षों पर निर्भर करता है। स्वस्थ, सम्पन्न और उज्वल भविष्य के लिए वृक्षारोपण अतिआवश्यक है। इसीलिए यह हमें तय करना है कि हमे अपने और आने वाली पीढ़ी के लिए कैसा भविष्य चाहिए । अगर आने वाली पीढ़ी के लिए हमें एक प्रदूषण से मुक्त पर्यावरण, सम्पन्नता और बेहतर विकास की ओर बढ़ते हुए देखना चाहते हैं तो हमें वृक्षारोपण की ओर ध्यान देने की जरूरत है। इसके साथ ही हमें लोगो को वृक्षों की उपयोगिता और आवश्यकता के बारे मे बताना होगा और उन्हें वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना होगा। 

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आशा करते हैं कि आपको हमारी आज की यह पोस्ट "Vriksharopan par nibandh" पसंद आई होगी। हमने यहां आपको दो निबंध दिए हैं 'वृक्षारोपण पर निबंध 300 शब्दो मे' और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए 'वृक्षारोपण पर निबंध 1000 शब्दो मे' ताकि सभी के लिए यह उपयोगी हो। 

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