तो चलिए आंद्रे बेतेई की जीवनी और उनके जीवन से जुड़े हर पहलू को विस्तार से जानते हैं -
आंद्रे बेतेई का जीवन परिचय| Biography of Andre Beteille in hindi
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Andre beteille ka jivan parichay |
आंद्रे बेतेई का जन्म 30 सितंबर 1934 में मद्रास राज्य के चंदन नगर में हुआ था। आंद्रे बेतेई तीन भाई बहन थे जिनमे से आंद्रे बेतेई सबसे छोटे थे। इनके पिता चंदन नगर की नगरपालिका के मेयर थे। 1946 में जब आंद्रे 12 साल के थे तभी उनका परिवार कोलकाता आकर बस गया। इसी कारण से उनकी प्रारंभिक शिक्षा और उच्च शिक्षा कोलकाता में ही पूरी हुई। कोलकाता में उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से समाजशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने आगे की शिक्षा के लिए दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रवेश लिया। यहां इनको प्रोफेसर एम. एन. श्रीनिवास का सानिध्य मिला और वह यहां इनके शिष्य रहे।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में ही उन्होंने मद्रास राज्य के तंजौर जिले के श्रीपुरम गांव के परंपरागत जाति संरचना का अध्यन करके अपना प्रभावशाली शोध प्रस्तुत किया जिसके कारण उन्हें पी. एच. डी. की उपाधि प्राप्त हुई।
कुछ दिनों के लिए उन्होंने भारतीय सांख्यकीय संस्थान में एक रिसर्च फॉलो के तौर पर कार्य किया। उसके बाद आंद्रे बेतेई
दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में समाजशास्त्र विषय पढ़ाने लगे। प्रोफेसर के अलावा आंद्रे जी ने यहाँ बतौर रीडर, और प्रवक्ता का भी कार्यभार संभाला। 2003 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय से रिटायर हो गए।
उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके रिटायरमेंट के बाद भी दिल्ली विश्वविद्यालय में विशिष्ट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया गया। उन्होंने समाजशास्त्र पर कई राष्ट्रीय व्याख्यानों के लिए अलग अलग विश्वविद्यालयों में जाकर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिए। उनके इन अभी व्याख्यानों को एक पुस्तक का रूप दिया गया जिसका नाम ' तुलनात्मक समाजशास्त्र पर निबंध ' था।
भारत के अलावा आंद्रे बेतेई ने विदेशों में भी जाकर अपने व्याख्यान दिए। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, ऑक्स्फोर्ड विश्वविद्यालय और शिकागो विश्वविद्यालय में अपने व्याख्यान दिए। 2005 में आंद्रे बेतेई जी को समाजशास्त्र में उनके योगदान के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।
2006 में उन्होंने सरकार द्वारा जातीय आरक्षण बढ़ाने का विरोध किया और उन्होंने अपने नेशनल रिसर्च प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया जिसके 1 साल बाद ही दोबारा उन्हें उसी पद पर नियुक्त कर लिया गया। अब 2021 में वह 86 वर्ष के हो चुके हैं और उनकी प्रतिभा आज भी हमारी प्रेरणा का कारण बनती है।
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आंद्रे बेतेई की प्रमुख पुस्तकें (Books by Andre Beteille)
आंद्रे बेतेई ने समाजशास्त्र के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है। उन्होंने अपनी कई पुस्तकों लिखीं है जिनमे से प्रमुखतः
- Changing Pattern of Stratification in a Tanjor Village (तंजौर गांव में स्तरीकरण के बदलते पैटर्न) : 1965
- Caste: Old and New-Essays in Social Structure and Social Stratification (जाति: सामाजिक संरचना और सामाजिक स्तरीकरण में पुराने और नए निबंध) : 1969
- Inequality Among Men (पुरुषों के बीच असमानता) : 1977
- The Backward Classes and the New Social Order (पिछड़ा वर्ग और नया सामाजिक व्यवस्था) : 1981
- The Idea of Natural Inequality and Other Essays (प्राकृतिक असमानता और अन्य निबंधों का विचार) : 1983
- Essays in Comparative Sociology (तुलनात्मक समाजशास्त्र में निबंध) : 1984
- Society and Politics in India : Essays in Comparative Perspective (भारत में समाज और राजनीति: तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य में निबंध) : 1991
- Sociology : Essays on Approach and Method ( समाजशास्त्र: दृष्टिकोण और विधि पर निबंध) : 2002
- Equality and Universality : Essays in Social and Political Theory (समानता और सार्वभौमिकता: सामाजिक और राजनीतिक सिद्धांत में निबंध) : 2003
- Marxism and Class Analysis (मार्क्सवाद और वर्ग विश्लेषण) : 2007
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आज आपने जाना
दोस्तों आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का यह लेख आंद्रे बेतेई का जीवन परिचय पसंद आया होगा। पूरे लेख में हमने यही प्रयास किया है कि आपको Andre Beteille से जुड़े हर सवाल का जवाब दे सकें। फिर भी यदि आपके मन मे कोई सवाल हो तो हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
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