Biography of M.N Srinivas in hindi: मैसूर नरसिंहाचार श्रीनिवास का जीवन परिचय व समाजशास्त्र में उनका योगदान

SUSHIL SHARMA
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एम० एन० श्रीनिवास का जीवन परिचय:  नमस्कार दोस्तों, हिंदी विज़न में आपका स्वागत है। आज हम बात करने वाले हैं "एम० एन० श्रीनिवास की जीवनी" के बारे में। यह भारत के बहुत ही जानेमाने समाजशास्त्री थे। इनका समाजशास्त्र में योगदान काफी सराहनीय है। भारत सरकार द्वारा श्रीनिवास जी को 1977 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इन्होंने कई अवधारणाएं दी जो हमें आज भी शिक्षित और प्रेरित करती हैं और आने वाली पीढ़ियों को  भी सही मार्ग दिखती रहेंगी।

इसीलिए आज के इस पोस्ट में हम आपको "M.N srinivas ka jivan parichay" और इनकी उपलब्धियों और योगदान के बारे में भी विस्तार से जानेंगे। 

तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं - 

एम० एन० श्रीनिवास का जीवन परिचय | Biography of M. N srinivas in hindi

M.N shrinivas ka jivan parichay



 प्रमुख जानकारी 

Author Details
नाम मैसूर नरसिम्हाचार श्रीनिवास
जन्म 16 नवंबर 1916
जन्म स्थान मैसूर, कर्नाटक, भारत
मृत्यु 30 नवंबर 1999
राष्ट्रीयता भारतीय
जीवनसाथी रुक्मिणी श्रीनिवास (पत्नी)
पुरस्कार पद्म भूषण (1977)
लिखी पुस्तकें Marriage and family in maysoor (1942), Religion and society among the coorgs of south india (1952), Caste in Modern India and other essays (1962), Social Change in Modern India (1966), The Remembered Village (1976), Dimensions of Social Change in India(1977), The Dominant Caste and Other Essays (1986), Indian Society through Personal Writings (1998) Village, Caste, Gender and Method (1998)
मुख्य विषय व विचार परिवार, विवाह, धर्म, भारतीय समाज, ग्रामीण समाज, प्रबल या प्रभु जाति, लिंग, सामाजिक परिवर्तन और जातीय व्यवस्था आदि।


जीवन परिचय :- मैसूर नरसिम्हाचार श्रीनिवास का जन्म 16 नवंबर 1916 को कर्नाटक के मैसूर में हुआ। यह ब्राम्हण परिवार में जन्में और इनका पालन पोषण भी ब्राम्हण तौर तरीकों से हुआ। बचपन से ही श्रीनिवास पढ़ने में काफी अच्छे थे । अन्य विषयों की तुलना में इनकी रुचि समाजशास्त्र में ज्यादा रही। इसीलिए उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय (वर्तमान में मुम्बई विश्विद्यालय) से समाजशास्त्र में पी०एच०डी० पूरी कर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 

उन्होंने अपने पी०एच०डी० अध्यन के दौरान ही मैसूर में परिवार एवं विवाह (Marriage and family in maysoor) नामक एक पुस्तक लिखी। पी०एच०डी० पूरी करने के बाद श्रीनिवास आगे की पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए। शिक्षा पूरी करने के बाद एम० एन० श्रीनिवास वापस भारत आ गए और विश्विद्यालयों में पढ़ाने लगे। 

अपने जीवन में उन्होंने कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जिनमे - 

  • महाराजा सयाजीराव विश्विद्यालय बड़ौदा,
  • दिल्ली विश्वविद्यालय,
  • राष्ट्रीय उन्नत अध्यन संस्थान बैंगलोर,
  • सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन संस्थान बैंगलोर

श्रीनिवास जी ने दिल्ली और बड़ौदा विश्विद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की स्थापना की और कई वर्षों तक पढ़ाया। श्रीनिवास जी ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार और अवधारणाएं प्रस्तुत की। उन्होंने विवाह, परिवार, समाज, संस्कृतिकरण और अंतरजातीय व्यवस्था आदि विषयों पर प्रकाश डाला और महत्वपूर्ण और सटीक अवधारणायें प्रस्तुत की। 

मैसूर नरसिम्हाचार श्रीनिवास जी का निधन 30 नवंबर 1999 को मैसूर में हुआ। 




एम. एन. श्रीनिवास का समाजशास्त्र में योगदान

एम० एन० श्रीनिवास जी ने भारतीय समाजशास्त्र को एक नई दिशा प्रदान की और समाज के विस्तृत स्वरूप को समझाया। उन्होंने कई क्षेत्रों में अपने मत और अवधारणाएं प्रस्तुत की जिससे हर व्यक्ति सामाजिक संरचना को आसानी से समझ सके । 

एम० एन० श्रीनिवास जी ने परिवार की संरचना व इसके स्वरूप को परिभाषित किया और इसमें कई अवधारणाएं प्रस्तुत की। श्रीनिवास जी ने दिल्ली और बड़ौदा विश्विद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की स्थापना की और कई वर्षों तक पढ़ाया। 

एम० एन० श्रीनिवास जी ने "मैसूर में परिवार एवं विवाह" (1942) पुस्तक से विवाह को परिभाषित किया व इसके सभी पहलुओं पर विस्तार से लिखा। यह पुस्तक उन्होंने तब लिखी जब वह अपनी पीएचडी की पढ़ाई पूरी कर रहे थे। 

सन 1952 में उन्होंने "Religion and society among the coorgs of south india" नामक पुस्तक लिखी जिसमें उन्होंने दक्षिण प्रांत में धार्मिक और सामाजिक जीवन को परिभाषित किया। 

इसके अलावा श्रीनिवास जी ने अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी काफी रिसर्च की और उनको परिभाषित करने के साथ-साथ उनके विभिन्न पहलुओं से हमें अवगत कराया। उन्होंने मुख्य रूप से परिवार, विवाह, धर्म, भारतीय समाज, ग्रामीण समाज, लिंग, सामाजिक परिवर्तन और जातीय व्यवस्था पर प्रमुख रूप से प्रकाश डाला है। 

यही कारण है कि एम० एन० श्रीनिवास जी के योगदान को भुलाया नही जा सकता है। एम० एन० श्रीनिवास जी का नाम महान समाजशास्त्रियों में बड़े आदर के साथ लिया जाता है। 

एम० एन० श्रीनिवास जी द्वारा लिखी पुस्तकें ( Books of M.N. Shrinivas)

  1. Marriage and family in maysoor (1942)
  2. Religion and society among the coorgs of south india (1952)
  3. Caste in Modern India and other essays (1962)
  4. Social Change in Modern India(1966)
  5. The Remembered Village (1976)
  6. Dimensions of Social Change in India(1977)
  7. The Dominant Caste and Other Essays (1986)
  8. Indian Society through Personal Writings (1998)
  9. Village, Caste, Gender and Method (1998)




मैसूर नरसिम्हाचार श्रीनिवास जी से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न 

आइये जानते हैं श्रीनिवास जी के बारे में अन्य प्रश्न - 

1. एम० एन० श्रीनिवास (M.N Srinivas) का पूरा नाम क्या है

उत्तर - एम० एन० श्रीनिवास जी का पूरा नाम "मैसूर नरसिम्हाचार श्रीनिवास" है। 

2. एम० एन० श्रीनिवास जी को पद्म भूषण कब दिया गया ? 

उत्तर -  सन 1977 में 

3. एम० एन० श्रीनिवास जी का जन्म कब और  कहाँ हुआ था ?

उत्तर - एम० एन० श्रीनिवास जी का जन्म 16 नवंबर 1916 को कर्नाटक के मैसूर में हुआ था। 


आज आपने जाना 

हां तो दोस्तों उम्मीद करते हैं की आपको हमारी आज की यह पोस्ट M.N srinivas ka jivan parichay आपके लिए उपयोगी रही होगी। हमने यही प्रयास किया है कि आपको श्रीनिवास जी से जुड़ी हर जानकारी प्रदान कर सकें। फिर भी अगर आपके मन में कोई भी प्रश्न है तो हमसे  कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। 

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