तो चलिए बिना किसी देरी के जानते है -
वीर रस की परिभाषा - Veer ras ki paribhasha
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वीर रस की परिभाषा -Veer ras in hindi |
परिभाषा :- "वीर रस का स्थायी भाव उत्साह होता है। किसी काव्य या रचना को पढ़कर वीरता और उत्साह जैसे स्थाई भाव की उत्पत्ति हो उसे ही वीर रस कहते हैं। "
सरल शब्दों में कहें तो जब किसी काव्य या रचना को पढ़कर हमें वीरता, शौर्य और उत्साह की अनुभूति होती है तो यह अनुभूति ही वीर रस कहलाती है।
उदाहरण :- रण में हाहाकार मचो तब,
राणा की निकली तलवार
मौत बरस रही रणभूमि में,
राणा जले हृदय अंगार।
प्रस्तुत पंक्तियों में महाराणा प्रताप के कारण वीरता नामक स्थाई भाव उत्पन्न हो रहा है इसीलिए इसमें वीर रस है।
वीर रस के अवयव
स्थाई भाव - उत्साह
आलंबन (विभाव) - रण क्षेत्र, सैन्य कोलाहल, रणभेरी
उद्दीपन (विभाव) - युद्धवीर, धर्मवीर, कर्मवीर, दानवीर
अनुभाव - गर्वपूर्ण उक्ति, प्रहार करना, शौर्य प्रदर्शन, रोमांच
संचारी भाव - गर्व, हर्ष, उत्कंठा, आवेग, उग्रता ।
वीर रस के उदाहरण - Example of Veer ras in hindi
उदाहरण - 1
जो तनिक हवा से बाग हिली
लेकर सवार उड़ जाता था ।
राणा की पुतली फिरी नहीं
तब तक चेतक मुड़ जाता था।
उदाहरण - 2
बड़े लड़ईया हैं महुबे के
इनकी मार सही न जाए
एक को मारें दुई मरि जावें
तीसर खौफ खाय मरि जाए
उदाहरण - 3
आगे नदिया पड़ी आपार,
घोड़ा कैसे उतरे पार
राणा ने सोचा इस पार,
तब तक चेतक था उस पार ।
उदाहरण - 4
धनुष उठाया ज्यों ही उसने,
और चढ़ाया उस पर बाण
धरा सिंधु नभ सहसा कांपे
विकल हुए जीवों के प्राण
उदाहरण - 5
जुग सहस्त्र जोजन पर भानु
लीलेहु ताहि मधुर फल जानू
उदाहरण - 6
रण बीच चौकड़ी भर भर कर
चेतक बन गया निराला था।
राणा प्रताप के घोड़े से
पड़ गया हवा का पाला था।
उदाहरण - 7
कौशल दिखलाया चालों में
उड़ गया भयानक भालों में
निर्भीक गया वह ढालों में
सरपट दौड़ा करवालों में
उदाहरण - 8
यमराज स्वयं बन जाते थे
घोड़े चेतक पर चढ़ते थे
क्षत विक्षत दुश्मन हो जाते थे
नर मुंड हवा में उड़ते थे।
Easy example of Veer ras
उदाहरण - 9
वह बोल रहा था गरज गरज
रह रह कर असि में चमक रही
रव वलित गरजते बदल में
मानो बिजली से दमक रही
उदाहरण - 10
चढ़ चेतक पर तलवार उठा,
करता था भूतल पानी को
राणा प्रताप सर काट काट,
करता था सफल जवानी को
उदाहरण - 11
साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धारि
सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत हैं।
भूषन भनत नाद बिहद नगारन के
नदी नाद मद गैबरन के रलत हैं।।
उदाहरण - 12
जौं तुम्हारि अनुसासन पाँवों।
कंदुक इव ब्राम्हण उठावों।
उदाहरण - 13
नाथ जानि अस आयसु होऊ।
कौतुकु करौं बिलोकिअ सोऊ॥
कमल नाल जिमि चाप चढ़ावौं।
जोजन सत प्रमान लै धावौं
उदाहरण - 14
लखन सकोप बचन जे बोले।
डगमगानि महि दिग्गज डोले॥
सकल लोग सब भूप डेराने।
सिय हियँ हरषु जनकु सकुचाने
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Veer ras ke udaharan |
Veer ras ke udaharan
उदाहरण - 15
मैं सत्य कहता हूँ सखे सुकुमार मत जानो मुझे,
यमराज से भी युद्ध में प्रस्तुत सदा मानो मुझे,
है और कि तो बात क्या गर्व मैं करता नहीं,
मामा तथा निज तात से भी युद्ध में डरता नहीं।
उदाहरण - 16
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी,
गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।
उदाहरण - 17
लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार,
देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार,
नकली युद्ध-व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार,
सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना ये थे उसके प्रिय खिलवार।
महाराष्टर-कुल-देवी उसकी भी आराध्य भवानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।
> कारक
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आज आपने सीखा
हां तो दोस्तों आशा करते हैं कि आपको हमारी आज की यह पोस्ट "Veer ras" पसंद आई होगी। आज की इस पोस्ट में हमने जाना कि 'वीर रस की परिभाषा' क्या होती है और वीर रस के उदाहरण । दोस्तों हमने इस पोस्ट में यही प्रयास किया है की आपको इससे जुड़ी सभी जानकारी सरल भाषा मे बता सकें। फिर भी अगर आपके मन मे कोई सवाल हो तो हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं।
6 टिप्पणियाँ
Chandan
जवाब देंहटाएंhi
जवाब देंहटाएंHello
जवाब देंहटाएंGood👍
जवाब देंहटाएंHy
जवाब देंहटाएंGood boy
Hy
जवाब देंहटाएंGood boy