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हास्य रस की परिभाषा - Hasya ras ki paribhasha
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Hasya ras ki paribhasha |
परिभाषा :- "किसी की वेशभूषा, क्रिया कलाप, आकृति और चेष्टा को देखकर मन में जो हर्ष और विनोद का भाव जागता है उसे ही हास कहते हैं। जब यही हास हमें विभाव, अनुभाव व संचारी भाव के माध्यम से हमें प्राप्त होता है उसे ही हास्य रस कहते हैं।"
सरल शब्दों में कहें तो किसी हास्यपूर्ण विशेष आकृति, क्रिया कलाप, बात चीत और वेशभूषा के कारण हमारे मन में जो हंसी का भाव उत्पन्न होता है उसे ही हास्य रस कहते हैं।
जैसे - यार तू दाढ़ी बढ़ा ले, साल आया है नया ।
नाई के पैसे बचा ले, साल आया है नया ।।
तेल कंघा पाउडर के खर्च कम हो जाएँगे।
आज ही सर को घुटा ले, साल आया है नया।।
इन पंक्तियों को पढ़कर जो हास्य (हंसी) का भाव जागृत हो रहा है इसे ही हास्य रस कहते हैं।
हास्य रस के उपकरण
हास्य रस में पांच प्रमुख उपकरण होते हैं -
1. स्थाई भाव
हास (हास्य)
2. आलंबन विभाव
विकृत वेशभूषा, आकार, क्रियाएं, चेष्टाएँ आदि।
3. उद्दीपन विभाव
अनोखा पहनावा और आकार, बातचीत और क्रिया कलाप
4. अनुभाव
आश्रय की मुस्कान, आंखों का मिचमिचाना, ठहाकेदार हंसी, अट्ठहास आदि।
5. संचारी भाव
हंसी, उत्सुकता, चपलता, कंपन, आलस्य आदि।
हास्य रस का उदाहरण -Hasya ras ka udaharan
1. लाला की लाली यों बोली,
सारा खाना यह चर जाएंगे।
ये जो बच्चे भूखे बैठे हैं,
क्या पंडित जी को खाएंगे।
2. हाथी जैसी देह , गैंडे जैसी खाल
तरबूजे सी खोपड़ी, खरबूजे से बाल
3. सिरा पर गंगा हसै, भुजनि मे भुजंगा हसै
हास ही को दंगा भयो, नंगा के विवाह में
4. जोई जहाँ देखै सो हंसे है तांई राह में !
मगन भये ईस हंसे नगन महेश ठाढ़े
और हंसे एऊ हंसी हंसी के उमाह में !
5. मातहिं पितहिं उरनि भय नीके।
गुरु ऋण रहा सोच मन जी के।।
6. सब यानन ते श्रेष्ठ अति, द्रुतगति ग्रामिनि कार।
धनिक जनिक के जिय बसी,निसदिन करति विहार।
पों-पों करति सुहावनि कैसे, मुनि मुख संख बजावहिं जैसे।
मग बीच कीच उचीलति कैसे, फागुन फाग रंचहिं मन जैसे।
7. बिन्ध्य के बासी उदासी तपोव्रतधारि महा बिन नारि दुखारे।
गौतमतीय तरी तुलसी, सो कथा सुनि भै मुनिवृन्द सुखारे ॥
हैहैं सिला सब चन्द्रमुखी, परसे पद-मंजुल कंज तिहारे।
कीन्ही भली रघुनायकजू करुना करि कानन को पगु धारे ।।
8. प्रेमियों की शक्ल कुछ कुछ भूत होनी चाहिए।
अक्ल आकी नाम में छः सूत होनी चाहिए ।
इश्क़ करने के लिए काफी कलेजा ही नही
आशिकों की चाँद (सिर) भी मजबूत होनी चाहिए।
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Hasya ras ke udaharan
9. गौर से देखा तो पाया प्रेमिका के मूँछ थी
अब ये "हुल्लड़" क्या करेगा, क्या करेगी चांदनी
10. कर्ज़ा देता मित्र को, वह मूर्ख कहलाए,
महामूर्ख वह यार है, जो पैसे लौटाए।
11. बिना जुर्म के पिटेगा, समझाया था तोय,
पंगा लेकर पुलिस से, साबित बचा न कोय।
12. गुरु पुलिस दोऊ खड़े, काके लागूं पाय,
तभी पुलिस ने गुरु के, पांव दिए तुड़वाय।
13. अब तड़के का कसि कै नहाबु
हयँ भूलि गयीं भगतिनि चाची।
लोटिया भर पानी डारयँ तौ
घर मा घूमयँ नाची-नाची॥
14. ई जाड़े मा हारी मानेनि,
पानी ते पंडित सिव किसोर।
तन पर थ्वारै पानी चुपरयँ
मुलु मंत्र पढ़त हयँ जोर-जोर॥
15. बप्पा हम आजु नहइबै ना,
लरिकउना माँगत माफी हय।
दुइ कलसा पानी का करिबै
अब तौ चुल्लू भर काफी हय॥
16. बहुरिया सास का भय कइकै
बसि सी-सी-सी सिसियाय दिहिस।
आड़े मा धोती बदलि लिहिस
पानी धरती पै नाय दिहिस॥
17. हम गयन अमीनाबादै जब,
कुछ कपड़ा लेय बजाजा मा।
माटी कै सुघर महरिया असि,
जंह खड़ी रहै दरवाजा मा॥
समझा दूकान कै यह मलकिन
सो भाव ताव पूछै लागेन।
याकै बोले यह मूरति है
हम कहा बड़ा ध्वाखा होइगा॥
18. पूर्ण सफलता के लिए, दो चीज़ें रखो याद,
मंत्री की चमचागिरी, पुलिस का आशीर्वाद।
19. नेता को कहता गधा, शरम न तुझको आए,
कहीं गधा इस बात का, बुरा मान न जाए।
20. लरिकऊ कहेनि वाटर दइदे, बहुरेवा पाथर लइ आई।
यतने मा मचिगा भगमच्छरू, यह छीछाल्यादरि द्याखौ तो।
21. उन अंगरेजी मां फूल कहा, वह गरगु होइगे फूलि फूलि।
उन डेमफूल कह डांटि लीनि, यह छीछाल्यादरि द्याखौ तो।
Example of hasya ras - हास्य रस का उदाहरण
बूढ़ा बोला, वीर रस, मुझसे पढ़ा न जाए,
कहीं दांत का सैट ही, नीचे न गिर जाए।
हुल्लड़ खैनी खाइए, इससे खांसी होय,
फिर उस घर में रात को, चोर घुसे न कोय।
हुल्लड़ काले रंग पर, रंग चढ़े न कोय,
लक्स लगाकर कांबली, तेंदुलकर न होय।
बुरे समय को देखकर, गंजे तू क्यों रोय,
किसी भी हालत में तेरा, बाल न बांका होय।
यार तू दाढ़ी बढ़ा ले, साल आया है नया
नाई के पैसे बचा ले, साल आया है नया
तेल कंघा पाउडर के खर्च कम हो जाएँगे
आज ही सर को घुटा ले, साल आया है नया
चाहता है हसीनों से तू अगर नजदीकियाँ
चाट का ठेला लगा ले, साल आया है नया
जो पुरानी चप्पलें हैं उन्हें मंदिरों पर छोड़ कर
कुछ नए जूते उठा ले, साल आया है नया
मैं अठन्नी दे रहा था तो भिखारी ने कहा
तू यहीं चादर बिछा ले, साल आया है नया
दो महीने बर्फ़ गिरने के बहाने चल गए
आज तो हुल्लड़ नहा ले, साल आया है नया
हास्य रस से अन्य उदाहरण
भूल जा शिकवे, शिकायत, ज़ख्म पिछले साल के
साथ मेरे मुस्कुरा ले, साल आया है नया
दौड़ में यश और धन की जब पसीना आए तो
'सब्र' साबुन से नहा ले, साल आया है नया
मौत से तेरी मिलेगी, फैमिली को फ़ायदा
आज ही बीमा करा ले, साल आया है नया
अगर आप हास्य रस को वीडियो के माध्यम से समझना चाहते हैं तो यह वीडियो देंखे :-
आज हमने जाना
हां तो दोस्तों आशा करते हैं कि आपको हमारी आज की यह पोस्ट "Hasya ras" पसंद आई होगी। आज की इस पोस्ट में हमने जाना कि 'हास्य रस की परिभाषा' क्या होती है और हास्य रस के उदाहरण । दोस्तों हमने इस पोस्ट में यही प्रयास किया है की आपको इससे जुड़ी सभी जानकारी सरल भाषा मे बता सकें। फिर भी अगर आपके मन मे कोई सवाल हो तो हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं।
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> कारक
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Thanks
ReplyDeleteHii
DeleteHi
ReplyDeleteUseful
ReplyDeleteThank you 😊
DeleteThanks
ReplyDeleteAnurag singh
ReplyDeleteHii
ReplyDeleteHi
ReplyDeleteHi
DeleteThank you
ReplyDelete9918856523 Abhishek chaurasiya ji
ReplyDeleteHello
ReplyDeleteThanks 🙏
ReplyDeleteTq
ReplyDeleteVery very thanks for you bro
ReplyDeleteYour welcome 😊
DeleteTnx
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