Secularization in hindi: लौकिकीकरण क्या है ? जानिए लौकिकीकरण की परिभाषा, तत्व व प्रमुख कारण

SUSHIL SHARMA
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लौकिकीकरण (Secularization) क्या है : नमस्कार दोस्तों, हिंदी विज़न में आपका स्वागत है। आज हम बात करने वाले हैं लौकिकीकरण की। और आपको बताएंगे कि "लौकिकीकरण का अर्थ क्या होता है"।  हर समाज में निरंतर परिवर्तन होता रहता है। यह उसी से जुड़ा एक अहम पहलू है।  यह समाज का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। इसे धर्मनिरपेक्षीकरण भी कहा जाता है। यह माध्यमिक कक्षाओं से लेकर स्नातक और परास्नातक तक कि कक्षाओं में अध्यन का विषय है। इसे समझने में छात्रों को काफी कठिनाई होती है। इसीलिए आज हम आपको बताने वाले हैं कि 'लौकिकीकरण की परिभाषा' , 'लौकिकीकरण का अर्थ क्या है' और "लौकिकीकरण के कारण व समाज मे प्रभाव" आदि के बारे में बताएंगे। 

तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं "Secularization in hindi"

लौकिकीकरण (Secularization) की परिभाषा, अर्थ, कारण व प्रभाव

लौकिकीकरण क्या है |what is secularization


लौकिकीकरण एक प्रकार का सामाजिक परिवर्तन होता है जो समय के साथ साथ नैतिक व तार्किक बदलावों के कारण होता है। जैसा ही हम जानते हैं कि परिवर्तन ही संसार का नियम है और यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। मानव समाज के साथ साथ मानव की सोच और समझ में भी परिवर्तन होता है। मनुष्य समाज में रहता है और जीवन को व्यवस्थित करने के लिए वह कोई न कोई धर्म का पालन करता है। परंतु समय के साथ इसका महत्व कम होता जा रहा है। इसी बदलाव को हम धर्मनिरपेक्षीकरण या लौकिकीकरण कहते हैं। चलिए इसे और विस्तार से समझते हैं - 

लौकिकीकरण किसे कहते हैं | What is secularization in hindi


'लौकिकीकरण उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमे  धार्मिक, प्रथागत या परंपरागत व्यवहारों में तर्क का प्रयोग होने लगता है या समाज के लोगों के व्यवहार का उद्देश्य धार्मिक न होकर व्यवहारिक हो जाता है। इसमें धर्म का पतन होता रहता है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति अपने कार्यों व व्यवहारों को धार्मिक उद्देश्य से नहीं बल्कि व्यक्तिगत लाभ के लिए करता है।' 

सरल शब्दों में समझें तो - 
अक्सर व्यक्ति के जीवन में धर्म का महत्व कम होता जाता है और वह अपने कार्यों को करने से पहले धर्म की जगह मानसिक तर्क और बुद्धि का प्रयोग करने लगता है। तर्क का बढ़ना और धर्म का पतन होना ही लौकिकीकरण कहलाता है।

उदाहरण के तौर पर - हिन्दू धर्म के अनुसार पहले छात्र अपने  गुरु को भगवान के समान मानते थे परंतु अब ऐसा नही है। 
 
पहले लोग दिन में दो बार ईश्वर की पूजा करते थे लेकिन अब महीनों हो जाते लोग मंदिर तक नही जाते क्योंकि उनको लगता है कि यह सब बेकार की बाते है और इससे कोई लाभ नही होगा। यही मानसिक बदलाव लौकिकीकरण कहलाता है। 




लौकिकीकरण की परिभाषा | Definition of secularization in hindi

डॉ० एम एन श्रीनिवास ने अपनी पुस्तक "सोशल चेंज इन मॉर्डन इंडिया" में लौकिकीकरण की सबसे सटीक परिभाषा दी है। 

परिभाषा - " लौकिकीकरण शब्द का यह अर्थ है कि जो कुछ पहले धार्मिक माना जाता था वैसा अब नही माना जा रहा है। इसका तात्पर्य विभेदीकरण की एक प्रक्रिया से भी है जो कि समाज के विभिन्न पहलुओं - आर्थिक ,राजनैतिक, कानूनी और नैतिक के अधिक पृथक होने में दृष्टिगोचर होती है।" 

यह प्रक्रिया समय के साथ साथ व्यक्ति को धार्मिक रूप में व्यवहार करने से दूर करती जाती है और व्यक्ति को अपनी बुद्धि और तर्क शक्ति का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करती है। श्रीनिवास जी ने अपनी इस पुस्तक में सामाजिक बदलाव के बारे में एक प्रभावशाली मार्गदर्शन प्रदान किया है। 



लौकिकीकरण के प्रमुख तत्व 

लौकिकीकरण के 3 प्रमुख तत्व हैं- 

1. धार्मिकता में कमी 

धार्मिकता में कमी एक बड़ा तत्व है लौकिकीकरण का। लोग पहले धर्म को महत्व देते थे परलौकिक चीजों और शक्तियों में मानते थे। परंतु अब अब जो धर्म को मानता है उसे पिछड़ा और हीन समझा जाता है। यही कारण है कि धार्मिकता में कमी आयी है और लोग धार्मिक व्यवहार के स्थान पर व्यक्तिगत स्वार्थ को अधिक महत्व देते हैं। 

2.  तर्क वितर्क में वृद्धि

तार्किकता को लौकिकीकरण का सबसे अहम तत्व है। मनुष्य अपने विचार, धार्मिक मान्यताओ, पारंपरिक क्रियाओं में तर्क वितर्क करने लगता है। वह अपने कार्य व निर्णय अपनी बुद्धि व विवेक के आधार पर करने लगता है। इसे ही तार्किकता कहते हैं। इस तार्किकता के कारण ही लौकिकीकरण होता है। 

3.  विभेदीकरण

विभेदीकरण भी लौकिकीकरण का एक प्रभावी तत्व है। विभेदीकरण का अर्थ होता है भेद करना। अर्थात जब व्यक्ति धार्मिक नियमों, पारंपरिक नियमों और धार्मिक क्रियाओं में भिन्नता के कारण उनमें भेद करने लगता है तो इसको विभेदीकरण कहते हैं। 

लौकिकीकरण के कारण 

लौकिकीकरण एक धीमी गति वाली प्रक्रिया है। जिसका विकास धीरे-धीरे होता है। इसके प्रमुख कारण हैं - 

  1. आधुनिक शिक्षा
  2. पश्चिमीकरण का प्रभाव
  3. नगरीकरण का विस्तार
  4. सामाजिक व धार्मिक आंदोलन
  5. धार्मिक संगठनों का कमजोर होना
  6. भारतीय संस्कृति लौकिकीकरण
  7. सरकारी तथा गैर सरकारी प्रयास
  8. यातायात व संचार के माध्यमों का विकास


आज आपने जाना 

आज हमने आपको लौकिकीकरण की परिभाषा, अर्थ और तत्व के बारे में बताया। हमने प्रयास किया है कि आपको "लौकिकीकरण" से संबंधित छोटी से छोटी जानकारी भी सरल भाषा मे और विस्तार से प्रदान कर सकें। फिर भी अगर आपके मन में धर्मनिरपेक्षीकरण कोई भी प्रश्न है तो हमसे  कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। 

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