तो चलिए बिना किसी देरी के समय के महत्व को समझते हैं -
Samay ka mahatva|समय के महत्व पर निबंध
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Samay ka mahatva essay in hindi |
यहाँ हम आपको शब्दों के अनुसार निबंध साझा करेंगे जो सभी के लिए उपयोगी होगें। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार निबंध का चयन करें क्योंकि हम यहाँ 3 निबंध देंगे जो 200, 300 और 1000 शब्दों में होंगे। इसके अलावा हम समय के महत्व पर अनुच्छेद भी प्रदान करेंगे। तो चलिए छोटे से शुरुआत करते हैं -
समय के महत्व पर 10 लाइन निबंध
Samay ka mahatva essay in hindi 10 lines
- संसार में सबसे कीमती वस्तु समय है।
- संसार मे सभी कार्य एक समय पर ही होते हैं।
- समय का न तो आरंभ है और न अंत होता है।
- समय किसी की प्रतीक्षा नही करता है।
- समय बिना रुके निरंतर चलता रहता है।
- हमें सदैव समय का सदुपयोग करना चाहिए।
- हमे किसी भी कार्य को कल पर नहीं टालना चाहिए।
- हमें सही समय पर सोना, उठना, खाना और काम करना चाहिए।
- हमें अपने समय का इस्तेमाल अपने आप को बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए।
- हमें अपने आसपास और समाज को भी बेहतर बनाने के लिए अपने समय को खर्च करना चाहिए।
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Samay ka mahatva essay in hindi - 10 lines |
समय के महत्व पर अनुच्छेद / samay ka mahatva anuchchhed
जिस प्रकार पृथ्वी सूर्य का निरंतर चक्कर लगाती रहती है। ठीक उसी प्रकार समय भी निरंतर चलता रहता है। यह किसी के लिए भी नहीं रुकता और ना ही किसी की प्रतीक्षा करता है। जब भी हम गुजरे हुए वक्त के बारे में सोचते हैं उस वक्त भी समय गुजर रहा होता है। हर प्राणी एक निश्चित समय के लिए ही इस पृथ्वी पर आया है। जिसने भी समय के महत्व को नहीं समझा वह हमेशा पछताया है। यदि विद्यार्थी अपने समय का सदुपयोग नहीं करते हैं तो परीक्षा के समय उन्हें इसका आभास होता है। परंतु तब तक बहुत ही देर हो चुकी होती है। अतः हमें अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए। हमें सही समय पर सोना चाहिए सही समय पर उठना और सही समय पर अपने सभी आवश्यक कार्यों को पूरा करना चाहिए एक पल भी व्यर्थ गंवाने से कोई लाभ नहीं है।
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समय के महत्व पर निबंध 200 शब्दों में / samay ka mahatva essay in hindi
संसार में यदि कोई सबसे कीमती वस्तु है तो वह है "समय", क्योंकि कोई भी व्यक्ति चाह कर भी समय को खरीद नहीं सकता है। व्यक्ति द्वारा कमाया गया धन खर्च करने के बाद पुनः कमाया जा सकता है परंतु यदि अपने समय को खर्च करते हैं उसे वापस पाना असंभव होता है।
परमात्मा ने हम सभी को एक निश्चित समय प्रदान किया है अब वह हम पर निर्भर करता है कि हम उसका इस्तेमाल किस प्रकार करते हैं। हमें अपने समय का दुरुपयोग कभी भी नहीं करना चाहिए। हमें अपने समय का इस्तेमाल अपने आप को बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए इसके अलावा हमें अपने आसपास और समाज को भी बेहतर बनाने के लिए अपने समय को खर्च करना चाहिए तभी हमारा जीवन सार्थक होता है वरना जीवन तो पशु और पक्षी भी जीते हैं उनके पास भी हमारी तरह निश्चित समय होता है परंतु उसका सदुपयोग नहीं करते हैं।
हमारे बुजुर्गों द्वारा कही गई कहावत समय के महत्व को दर्शाती है कि 'अब पछताए होत का जब चिड़िया चुग गई खेत' अर्थात समय निकल जाने के बाद पछताने से कोई लाभ नहीं है। समय को बर्बाद करना सबसे बड़ी मूर्खता है। अतः हमें अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए।
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समय के महत्व पर निबंध - 300 शब्दों में
मैं किसी का इंतजार नहीं करता मैं निरंतर गतिशील हूं मेरा बीता का हुआ एक भी पल लौट कर कभी वापस नहीं आता जिसने भी मेरा निरादर किया वह हाथ मलता रह जाता है।
उक्त पंक्तियां बिल्कुल सत्य सिद्ध होती हैं। समय को विश्व में सबसे अधिक मूल्यवान माना जाता है मनुष्य की संपत्ति नष्ट हो जाए तो संभव है वह परिश्रम और संघर्ष से प्राप्त कर सकता है किंतु बीता हुआ समय कभी भी वापस नहीं आता। अंग्रेज़ी में कहा गया है ‘Time and tide waits for none' अर्थात् समय और समुद्र की लहरें किसी की प्रतीक्षा नहीं करते। इसी कारण समय को सर्वाधिक मूल्यवान मानकर उसका सदुपयोग करने की बात कही जाती है।
'परीक्षा में तो अभी काफ़ी दिन बाकी हैं, कल से पढ़ना शुरू कर देंगे', ऐसा सोचकर कुछ विद्यार्थी कभी नहीं पढ़ते, किन्तु परीक्षा नियत समय एवं तिथि पर ही होती है। परीक्षा के प्रश्नों को देखकर उन्हें लगता है कि यदि उन्होंने समय का सदुपयोग किया होता, तो परीक्षा हॉल में यूँ ही खाली नहीं बैठना पड़ता। इसलिए कहा गया है-“अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत।"
समय के बारे में एप्पल कंपनी के चेयरमैन जो बोलते हैं कि मेरी जिंदगी की सबसे प्रिय वस्तु की कोई कीमत नहीं। उसे खरीदा नहीं जा सकता और यह स्पष्ट ही है हम सभी के पास जो सबसे कीमती संसाधन है वह समय ही है। समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता वह निरंतर गतिशील रहता है। कुछ लोग खाकर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं जब समय आएगा तब कोई काम कर लेंगे लेकिन वह भूल जाते हैं कि समय आया नहीं करता वह तो निरंतर जाता रहता है।
हमें अपने समय का इस्तेमाल अपने आप को बेहतर बनाने के लिए करना चाहिए इसके अलावा हमें अपने आसपास और समाज को भी बेहतर बनाने के लिए अपने समय को खर्च करना चाहिए तभी हमारा जीवन सार्थक होता है।
समय के महत्व पर निबंध / Essay on samay ka mahatva in hindi -1000 words
समय का मूल्य पहचानते हुए बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा है-"बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता।” और यह .सच भी है कि खोया हुआ धन पुनः अर्जित किया जा सकता है, खोए हुए वैभव की पुनः प्राप्ति की जा सकती है, उचित चिकित्सा व संयम के बल पर खोए हुए स्वास्थ्य को फिर से बहाल किया जा सकता है, अभ्यास के द्वारा भूली हुई विद्या भी पुनः पाई जा सकती है, किन्तु समय को एक बार खोने के बाद फिर से पाना सम्भव नहीं, क्योंकि यह निरन्तर गतिशील है। कबीर ने मृत्यु को अवश्यम्भावी बताकर जीवन के एक-एक पल का सदुपयोग करने की सीख देते हुए कहा है
“काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलय होएगी, बहुरि करैगा कब।।"
'परीक्षा में तो अभी काफ़ी दिन बाकी हैं, कल से पढ़ना शुरू कर देंगे', ऐसा सोचकर कुछ विद्यार्थी कभी नहीं पढ़ते, किन्तु परीक्षा नियत समय एवं तिथि पर ही होती है। परीक्षा के प्रश्नों को देखकर उन्हें लगता है कि यदि उन्होंने समय का सदुपयोग किया होता, तो परीक्षा हॉल में यूँ ही खाली नहीं बैठना पड़ता। इसलिए कहा गया है-“अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत।" प्रसिद्ध लेखक मेसन ने समय को महिमामण्डित करते हुए कहा है-“स्वर्ण के प्रत्येक कण की तरह ही समय का प्रत्येक क्षण मूल्यवान है।” प्लेटफ़ॉर्म पर खड़ी रेलगाड़ी अपने यात्रियों की प्रतीक्षा नहीं करती और देर से पहुँचने वाले अफ़सोस करते रह जाते हैं। इसी तरह, समय भी किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। अंग्रेज़ी में कहा गया है ‘Time and tide waits for none' अर्थात् समय और समुद्र की लहरें किसी की प्रतीक्षा नहीं करते। मानव जीवन में समय की महत्ता को समझाने के लिए प्रकृति में भी उदाहरण भरे पड़े हैं। कभी-कभी बरसात के मौसम में वर्षा इतनी देर से शुरू होती है कि खेतों में लगी फ़सलें सूख जाती हैं। ऐसे में भला वर्षा होने का भी क्या लाभ! भक्त कवि तुलसीदास ने प्रकृति के इसी उदाहरण का उल्लेख करते हुए जीवन में समय की महत्ता को इस प्रकार से समझाया है-
“का बरखा जब कृषी सुखाने।
समय चूकि पुनि का पछताने।।”
एक बार एक चित्रकार ने समय का चित्र बनाया, जिसमें एक अति सुन्दर व्यक्ति हँसता हुआ दोनों हाथ फैलाए खड़ा था। सामने से उसके केश सुन्दर दिख रहे थे, पर पीछे से वह बिल्कुल गंजा था। इस चित्र के माध्यम से चित्रकार यह सन्देश देना चाहता था कि समय जब आता है, तो आपकी ओर बाँहें फैलाए आता है। ऐसे में यदि आपने सामने से आते हुए समय के केश पकड़ लिए, तो वह आपके काबू में होगा, किन्तु यदि आपने उसे निकल जाने दिया, तो पीछे से आपके हाथ उसके गंजे सिर पर फिसलते रह जाएँगे और फिर वह आपकी पकड़ में नहीं आएगा।
इसलिए समय उसका सदुपयोग करना चाहिए। को पहचानकर समय के सदुपयोग में ही जीवन की सफलता का रहस्य निहित है। राजा हो या रंक, मूर्ख हो या विद्वान्, समय किसी के लिए अपनी गति मन्द नहीं करता। इसलिए सबको जीवन में सफलता के लिए समय का सदुपयोग करना ही पड़ता है। आज तक जितने भी महापुरुष हुए हैं, उनकी सफलता का रहस्य जीवन के हर पल का सदुपयोग ही रहा है। कठिनाइयों एवं संघर्षों का सामना करते हुए वे निरन्तर अपने निर्धारित लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे और एक दिन अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल रहे।
समय के मूल्य को समझने वाले लोगों की दिनचर्या हर रोज़ सुबह शुरू हो जाती है। बुद्धिमान व्यक्ति अपने अवकाश के समय को भी व्यर्थ नहीं जाने देते, किन्तु आलसी एवं अकर्मण्य लोग देर तक सोए रहते हैं। इस सन्दर्भ में पं. जवाहरलाल नेहरू ने बड़ी अच्छी बात कही है-“समय की माप बीते वर्षों से नहीं की जाती, बल्कि उससे की जाती है कि कोई उस अवधि में क्या करता है, कैसा महसूस करता है और क्या प्राप्त करता है?"
जीवन में प्रत्येक कार्य के लिए नियत समय निर्धारित होता है। पढ़ने के समय पढ़ना चाहिए एवं खेलने के समय खेलना। कक्षा में बैठकर खेलकूद की बातों में खोए रहना एवं खेल के मैदान में पढ़ाई-लिखाई की बातें करने को तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता। अंग्रेज़ी में कहा गया है-“वर्क व्हाइल यू वर्क एण्ड प्ले व्हाइल यू प्ले, दिस इज द वे टू बी हैप्पी एण्ड डे” अर्थात् प्रत्येक दिन खुश रहने के लिए काम के समय काम करो एवं खेल के समय खेलो।
दिनभर काम करने के बाद रात्रि में सही समय पर बिस्तर पर सोने के लिए चले जाना चाहिए। देर से सोने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी प्रकार सुबह देर से उठने पर भी बहुत-से कार्यों के अधूरे रहने का भय होता है, अधिकतर लोगों को अपना समय मनोरंजन में व्यतीत करते देखा जाता है। मनोरंजन भी जीवन के लिए अनिवार्य है, किन्तु काम करने के समय यदि मनोरंजन किया जाए, तो उसे किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं ठहराया जा सकता। अत: किस समय क्या कार्य करना है, अपनी दिनचर्या में इसकी समुचित व्यवस्था करना अत्यन्त आवश्यक है। जिस मनुष्य का कार्यक्रम सुनिश्चित नहीं होता, उसका अधिकांश समय व्यर्थ में ही इधर-उधर की बातों में बीत जाता है।
जो व्यक्ति अपना निश्चित कार्यक्रम बनाकर, मानसिक वृत्तियों को स्थिर एवं संयमित करके कार्य करता है, उसे जीवन-संग्राम में अवश्य सफलता प्राप्त होती है। वैसे तो यह नियम प्रत्येक आयु वर्ग के व्यक्ति पर लागू होता है, किन्तु विद्यार्थी जीवन में इस नियम की सर्वाधिक महत्ता है। जो विद्यार्थी नियत समय में पूर्ण मनोयोग के साथ अपनी पढ़ाई करते हैं, उन्हें सफलता अवश्य मिलती है। इस तरह, समय का अपव्यय करना तो आत्महत्या के समान है ही, समय का दुरुपयोग भी उससे कुछ कम नहीं; क्योंकि समय के बीत जाने के बाद अफ़सोस करने से बीता हुआ समय कभी भी वापस नहीं आ सकता।
शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए समय पर सोना, समय पर उठना एवं भोजन, व्यायाम तथा अन्य कार्यों को सुनिश्चित ढंग से समय पर करना आवश्यक है। धन-दौलत को जमा कर रखा जा सकता है, किन्तु समय को जमा नहीं किया जा सकता। सुबह की शुद्ध हवा का आनन्द उठाने के लिए सुबह ही उठना होगा। देर से उठने वाले को सुबह की स्वच्छ व निरोग हवा नसीब नहीं हो सकती है। साथ ही समय का सदुपयोग करने से मनुष्य की व्यक्तिगत प्रगति तो होती ही है, उसके व्यक्तित्व में भी निखार आता है, तभी तो पेरिक्लेस ने समय को सबसे बुद्धिमान सलाहकार कहा है।
परिश्रमी व्यक्ति के पास कभी समय का अभाव नहीं होता, जबकि आलसी एवं कामचोर व्यक्तियों का जीवन परनिन्दा, निरुद्देश्य भ्रमण आदि निरर्थक कार्यों में बीतता है। आलस्य का परित्याग करके समय का सदुपयोग करने वाले व्यक्ति ही साहित्य के सृष्टा, राष्ट्रनेता, महान् वैज्ञानिक एवं कलाकार बन पाते हैं। इसलिए कहा गया है -
“क्षण त्यागे कृतो विद्या, कण त्यागे कुतो धनम् ।
क्षणशः कणश्चैव विद्यामर्थं च चिन्तयेत्।।"
इस श्लोक का अर्थ है-क्षण या समय की अवहेलना कर विद्या अर्जित नहीं की जा सकती, कण का त्याग कर धन अर्जित नहीं किया जा सकता। धन कमाने वाले के लिए धन का कण-कण महत्त्वपूर्ण होता है एवं विद्या कमाने के लिए समय का क्षण-क्षण कीमती होता है। जो लोग समय का सदुपयोग नहीं करते, उन्हें जीवन में असफलता ही हाथ लगती है।
खिलाड़ियों को समय रहते खेल का अभ्यास करना पड़ता है। खेल खत्म हो जाने के बाद उनके लिए अफ़सोस करने के अतिरिक्त कुछ भी शेष नहीं रह जाता। इसलिए अंग्रेज़ी में कहा गया है-“टाइम इज मनी” अर्थात् “समय ही धन है।” जो इस धन को यूँ ही लुटाता रहता है, वह एक दिन समय का रोना रोता रहता है, किन्तु बाद में पछताने से कुछ नहीं मिलता है। इसलिए समय की महत्ता को देखते हुए हमें इसके सदुपयोग पर ध्यान देना चाहिए।
अतः समय का सदुपयोग एक निश्चित दिनचर्या से ही सम्भव है। मनुष्य जीवन, ईश्वर की दी हुई नियामत (ईश्वर प्रदत्त वैभव) है, इसलिए इसे अपने लिए और दूसरों के लिए सार्थक बनाना ही मनुष्य का धर्म है और मनुष्य अपने इस धर्म का निर्वाह तब ही कर सकता है, जब वह समय की गति को समझे और उसका सदुपयोग करे।
हमें जोसेफ़ हाल की कही इन पंक्तियों के मर्म को समझने और उसे अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है-“प्रतिदिन एक लघु जीवन है तथा हमारा सम्पूर्ण जीवन सिर्फ़ एक ही दिन की पुनरावृत्ति है। इसलिए हमें एक-एक दिन को इस प्रकार जीना चाहिए जैसे वह जीवन का आखिरी दिन हो ।”
आशा करते हैं कि आपको हमारी आज की यह पोस्ट "Mahatma Gandhi essay in hindi" पसंद आई होगी। आज हमने आपको "महात्मा गांधी पर निबंध" के बारे में विस्तार से बताया है। हमारा यही प्रयास रहा है कि आपको Mahatma Gandhi essay in hindi से जुड़ी हर जानकारी विस्तार से आपको दे सकें । फिर भी यदि आपके मन में कोई सवाल हो तो हमसे नीचे दिए गए comment box में जरूर पूछें।
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3 टिप्पणियाँ
Nice post 👍
जवाब देंहटाएंVery good website 👍👍😃
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