Samvad lekhan: मेट्रो में दो यात्रियों के बीच बातचीत (संवाद) | दो यात्रियों के बीच संवाद

SUSHIL SHARMA
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मेट्रो में दो यात्रियों के बीच संवाद : जैसा कि आप शीर्षक से ही जान गए होंगे कि आज हम आपको मेट्रो में बैठे दो यात्रियों के बीच बातचीत का एक संवाद प्रस्तुत करेंगे। 'मेट्रो में दो लोगों के बीच संवाद' यह एक महत्वपूर्ण संवाद है जो 5 से लेकर 12 तक की Class की परीक्षाओं में अक्सर लिखने के लिए दिया जाता है। आज हम आपको मेट्रो में बैठे यात्रियों के बीच संवाद के ऐसे ही 4 सेट देंगे जो परीक्षाओं के लिए उपयोगी होंगे। आप अपनी आवश्यकता अनुसार किसी भी एक का चुनाव कर सकते हैं।


तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं "Metro me do yatriyon ke beech samvaad "

मेट्रो में यात्रा कर रहे दो यात्रियों के बीच हुई बातचीत (संवाद) 

Metro me yatriyon ke beech samvaad / मेट्रो में संवाद



पहला यात्री - अरे रमन ! तुम मेट्रो में ।
दूसरा यात्री -  हाँ यार, ऑफिस जा रहा हूँ। 
पहला यात्री - पर तुम्हारे पास तो कर थी ना ? 
दूसरा यात्री - हाँ, लेकिन ट्रैफिक की वजह से मेट्रो से सफर करना ठीक रहता है। इससे समय पर आफिस पहुँच पाता हूं ।
पहला यात्री - ये तो अच्छी बात है। अगर सब लोग ऐसा ही करे तो प्रदूषण की समस्या भी बहुत कम हो जाएगी। 
दूसरा यात्री - सही कहा मित्र, सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट हमारे लिए ही तो बनाये जाते है। 
पहला यात्री - हाँ मित्र। चलो मेरा स्टेशन आ गया, बाए।
दूसरा यात्री - बाए। 

मेट्रो में दो यात्रियों के बीच संवाद



मेट्रो में यात्रा कर रहे दो यात्रियों के  बीच संवाद 

पहला यात्री - अरे शिवम ! आज तुम मेट्रो में ?
दूसरा यात्री -  हाँ यार, मैं तो रोज़ ही जाता हूँ। 
पहला यात्री - अच्छा, मेरा ट्रांसफर भी चारबाग स्टेशन पर हो गया है इसीलिए मैं भी मेट्रो से जाने लगा हूँ। 
दूसरा यात्री -  ये तो बहुत अच्छी बात है यार। 
पहला यात्री - तुम कहाँ तक जाओगे ? 
दूसरा यात्री - मुझे भी चारबाग तक ही जाना है। 
पहला यात्री -  चलो अच्छा है हम दोनों रोज़ ही साथ चलेंगे। 
दूसरा यात्री -  हाँ यार बिल्कुल। (हंसते हुए) 

मेट्रो में दो यात्रियों के बीच संवाद 




 कुछ महत्वपूर्ण संवाद - 



मेट्रो में यात्रा कर रहे पिता पुत्र के बीच हुई बातचीत (संवाद) 

पुत्र -   पापा , हम मेट्रो से क्यों जा रहे हैं। 
पिता - बेटा, आजकल रोड ट्रैफिक ज्यादा हो गया है। इसीलिए हम लोग मेट्रो से सफर कर रहे हैं। 
पुत्र -  मेट्रो में ट्रैफिक क्यों नही होता है ?
पिता - वो इसलिए, क्योंकि पूरे शहर में सिर्फ 8 मेट्रो हैं। इसीलिए मेट्रो में ट्रैफिक नही होता। 
पुत्र -   तो हम लोग रोज़ मेट्रो से क्यों नही जाते ? 
पिता -  हां बेटा जाना तो चाहिए। हम जितना पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करेंगे सड़कों पर भीड़ और प्रदूषण उतना ही कम होगा। 
पुत्र -  ठीक है पापा, अब हम रोज़ मेट्रो से ही जायेंगे।
पिता - ठीक है बेटा। 


मेट्रो में यात्रा कर रहे दो लोगों के बीच हुई बातचीत (संवाद) 

पहला यात्री -  नमस्कार भाईसाहब। 
दूसरा यात्री -  नमस्कार । 
पहला यात्री - मैं यहाँ नया हूँ। मुझे पूछना था ये हज़रतगंज स्टेशन कितनी देर में आएगा। 
दूसरा यात्री -  बस 10  मिनट में आप हजरतगंज पहुच जाएंगे। 
पहला यात्री -  मेट्रो बनने से कितना आराम हो गया है आप लोगों को। न ट्रैफिक की चिंता और न भीड़भाड़ की। 
दूसरा यात्री -  हां ये बात तो है। आजकल इतना ट्रैफिक है कि आदमी पैदल पहले पहुंच जाता है। (हँसते हुए) 
पहला यात्री - हमारे शहर में अभी मेट्रो नही है तो मुझे इसमें सफर का अनुभव शानदार लगा। 
दूसरा यात्री -  हाँ, इससे ईंधन की बचत तो होती ही है और सड़कों पर भीड़भाड़ भी कम हो जाती है। 
पहला यात्री - उम्मीद करता हूँ कि हमारे शहर मव भी मेट्रो जल्दी ही बन जाये।
दूसरा यात्री -  विकास के साथ ही सब हो जाएगा। 



 कुछ महत्वपूर्ण संवाद - 





आज हमने जाना

हां तो दोस्तों आशा करते हैं कि आपको हमारी आज की यह पोस्ट "Paryavaran sanrakshan par Do mitron ke beech samvaad " पसंद आई होगी। आज की इस पोस्ट में हमने "दो मित्रों के बीच पर्यावरण संरक्षण पर बातचीत संवाद" 

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