मानवीकरण अलंकार - Manvikaran alankar | परिभाषा, अर्थ व उदाहरण

SUSHIL SHARMA
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Manvikaran alankar: नमस्कार दोस्तों ! हिंदी विज़न में आपका स्वागत है। आज हम बात करने वाले हैं 'मानवीकरण अलंकार' की। जैसा कि आप जानते ही होंगे कि वह तत्व जो काव्य की शोभा को बढ़ा देते हैं अलंकार कहलाते हैं। अलंकार कई प्रकार के होते हैं जिनमे से मानवीकरण अलंकार भी एक है। मानवीकरण अलंकार  शब्दालंकार के अंतर्गत आता है। कई बार ऐसा होता है कि मानवीकरण अलंकार को समझने में छात्रों को काफी परेशानी होती है। 

इसीलिए आज हम आपको मानवीकरण अलंकार की परिभाषा और उसके उदाहरण के बारे में विस्तार से बताएंगे। जिससे सभी वर्गों और कक्षाओं के छात्रों के लिए उपयोगी हो सके। 

तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं - 

मानवीकरण अलंकार की परिभाषा अर्थ व उदाहरण

मानवीकरण अलंकार की परिभाषा व उदाहरण


आज के इस लेख में हम मानवीकरण अलंकार के बारे में में जानेंगे और संबंधित परिभाषा स्पष्टीकरण और सरल उदाहरण प्रस्तुत करेंगे तो चलिए मानवीकरण अलंकार की परिभाषा से शुरू करते है - 

मानवीकरण अलंकार की परिभाषा 

परिभाषा  :- "जहाँ पर जड़ पदार्थो और प्रकृति के अंगों ( बादल, नदी, पेड़, पहाड़, हवा, पत्थर आदि ) का मानवीय क्रियाएं करने का आरोप लगाया जाता है तब वहाँ पर मानवीकरण अलंकार होता है।"

सरल भाषा में कहें तो जहाँ पर स्थिर और निर्जीव चीजों का मनुष्य के जैसा बर्ताव और क्रियाएं करने का वर्णन हो वहां पर मानवीकरण अलंकार होता है। जैसे - 

उदाहरण - तनकर भाला यह बोल उठा
               राणा मुझको विश्राम न दे 
               मुझको शोणित की प्यास लगी
               बढ़ने दे, शोणित पीने दे 

प्रस्तुत पंक्तियों में भाले द्वारा तनकर खड़े हो जाने और महाराणा प्रताप से विश्राम न देने की बात कहते हुए दिखाया गया है जो कि केवल मानव द्वारा ही संभव है। अतः यहाँ पर मानवीकरण अलंकार है। 


मानवीकरण अलंकार के उदाहरण

उदाहरण - 1

पेड़ झुक झांकने लगे गर्दन उचकाय
 अंधी चली, धूल भागी घाघरा उठाए

(यहां पर पेड़ो द्वारा झांकने व धूल द्वारा घाघरा उठा कर भागने के वर्णन है। यह दोनों ही क्रियाएँ मानवों द्वारा होती हैं। अतः यहाँ पर मानवीकरण अलंकार है) 

उदाहरण - 2

दिवसावसन का समय
मेघमय आसमान से उतर रही ,
वह संध्या सुंदरी सी, परी सी,
धीरे - धीरे

उदाहरण - 3

हरसाया ताल लाया पानी परात भर के 
मेघ आये बन ठन संवर के


उदाहरण - 4

कलियाँ दरवाजे खोल-खोल 
जब झुरमुट में मुस्काती हैं

उदाहरण - 5

खग-कुल कुल -कुल सा बोल रहा
किसलय का अंचल डोल रहा
लो यह लतिका भी भर लायी
मधु मुकुल नवल रस गागरी

उदाहरण - 6


कार्तिक की एक हँसमुख सुबह
नदी तट से लौटती गंगा नहाकर

उदाहरण - 7


धीरे धीरे हिम आच्छादन 
हटने लगा धरातल से
जगी वनस्पतियाँ अलसाई
मुँह धोया शीतल जल से

उदाहरण - 8


उषा सुनहरे तीर बरसाती
जय लक्ष्मी सी उदित हुई

उदाहरण - 9

सागर के ऊपर नाच नाच
लहरें करती हैं मधुर गान


उदाहरण - 10

गुलाब खिलकर बोला,
मैं आग का गोला नही प्रीति की कविता हूँ


Easy example of Manvikaran alankar


उदाहरण - 11

बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की
बरस बाद सुधि लीन्ही

उदाहरण - 12

बीच मे अलसी हठीली, 
देह की पतली, कमर की है लचीली


उदाहरण - 13

अचल हिमगिरि के हृदय में आज चाहे कंप हो ले
या हृदय के आंसुओं में मौन अलखित व्योम रो ले। 

उदाहरण - 14


एक टांग पर खड़ा है यह शहर
अपनी दूसरी टांग से 
बिल्कुल बेखबर

Manvikaran alankar ke udaharan / मानवीकरण अलंकार के आसान उदाहरण



 अलंकार पढ़ें :- 



 रस पढ़ें :-


आज हमने जाना 

हां तो दोस्तों आशा करते हैं कि आपको हमारी आज की यह पोस्ट "Manvikaran alankar" पसंद आई होगी। आज की इस पोस्ट में हमने जाना कि 'मानवीकरण अलंकार की परिभाषा' और  मानवीकरण अलंकार के उदाहरण दोस्तों हमने इस पोस्ट में यही प्रयास किया है की आपको इससे जुड़ी सभी जानकारी सरल भाषा मे बता सकें। फिर भी अगर आपके मन मे कोई सवाल हो तो हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं। 

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